वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं । ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ और महत्व कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती करत अंजना माई ॥ क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं? वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं https://miltonf319fnu6.humor-blog.com/31816348/what-does-hanuman-chalisa-mean